Sunday, April 11, 2010

बच्चे का माँसे जितना प्रेम होता है,उससे भी बहुत अधिक प्रेम माँका बच्चेसे होता है।परन्तु बच्चा माँके प्रेमको पहचानता नहीं।अगर बच्चा माँके प्रेम को पहचान ले तो वह माँ की गोदी में रो ही नहीं सकता! ऐसे ही भगवान् का जीव से कम प्रेम नहीं है।काकभुशुण्डिजी भगवान् के साथ खेलते-खेलते जब उनके पास आते हैं,तब भगवान् हँसने लगते हैं ...और जब उनसे दूर चले जाते हैं,तब भगवान् रोने लगते हैं।(जिन खोजा तिन पाइया-पेज-५०)

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