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Asaram Bapu
Saturday, April 17, 2010
चाहे हरा दो बाजी,चाहे जीता दो बाजि,तुम हो जिस्न्मे राजी हम भी उसी मै राजी,हें हृद्यास्वर हें प्रानेस्वार हें सर्वेश्वर हें परमेश्वर,विनती यह स्वीकार करो भूल दिखा कर,उसे मिटा कर अपना प्रेम प्रदान करो,
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धन में, वैभव में और बाह्य वस्तुओं में एक आदमी दूसर...
यह जीव जब अपने शुद्ध, बुद्ध, चैतन्यस्वरूप को वरना ...
वे सत्पुरूष क्यों हैं ? कुदरत जिसकी सत्ता से चलती ...
मूलस्वरूप में तुम शान्त ब्रह्म हो। अज्ञानवश देह मे...
जैसे पृथ्वी में रस है। उसमें जिस प्रकार के बीज बो ...
वह रोम-रोम में बसा है इसलिए उसका नाम राम है। उसका ...
जो तुम्हारे दिल को चेतना देकर धड़कन दिलाता है, तुम...
तुम्हारी 'मैं....मैं...' जहाँ से स्फुरित होकर आ रह...
शरीर संसार के लिए है। एकान्त अपने लिए है और प्रेम ...
हिलनेवाली, मिटनेवाली कुर्सियों के लिए छटपटाना एक स...
सरों की निंदा, बदनामी और चुगली न करे, औरों को नीचा...
हे वत्स !उठ........... ऊपर उठ।प्रगति के सोपान एक क...
आप के चित्त मे केवल संसार की चिंता नही , उस चैत्यन...
यह आत्माकिसी काल मेंभी न तोजन्मता है औरन मरता ही ह...
गुरु की सीख माने वह शिष्य है।अपने मन में जो आता है...
वेद को सागर की तथा ब्रह्मवेत्ता महापुरुषों को मेघ ...
ऐसे ही अपौरूषय तत्त्व में ठहरे हुए ब्रह्मवेत्ता जब...
चाहे हरा दो बाजी,चाहे जीता दो बाजि,तुम हो जिस्न्मे...
कितने भी फैशन बदलो, कितने भी मकान बदलो, कितने भी न...
ईर्ष्या, घृणा, तिरस्कार, भय, कुशंका आदि कुभावों से...
कागा सब तन खाइयो, चुन चुन खाइयो मॉस, दो नैना मत खा...
मेरे भैया ! स्वतंत्रता का अर्थ उच्छ्रंखलता नहीं है...
यह कौन सा उकदा है जो हो नही सकता l तेरा जी न चाहे ...
मनुष्य के पास ज्ञान के लिए एक मात्र साधन यह बुद्धि...
आवेश अवतार, प्रवेश अवतार, प्रेरक अवतार, अंतर्यामी ...
जैसा रोग , वैसा ही निदान ; और वैसी ही औषधि या अनुम...
इन्सान अनेकों बंधनों की बेडियों में बंधकर संसार मे...
हजारो मनुष्यों में कोई विरला इश्वर के रास्ते चलता ...
मानव तो आते भी रोता है और जाते वक़्त भी रोता है जब...
सदा स्मरण रहे कि इधर-उधर भटकती वृत्तियों के साथ तु...
मैं निर्भय रहूँगा । मैं बेपरवाह रहूँगा जगत के सुख ...
दो औषधियों का मेल आयुर्वेद का योग है। दो अंकों का ...
अपने अन्दर से कभी कम होने मत देना प्रेम के भाव भाव...
जो अपने लक्ष्य के प्रति पागल हो गया हो उसे ही प्रक...
जिस मनुष्य ने भगवत्प्रेमी संतो के चरणों की धूलकभी ...
तुम निर्भयतापूर्वक अनुभव करो कि मैं आत्मा हूँ । मै...
हे नाथ! मानमें, बड़ाईमें, आदरमें, रुपयोंमें, भोगोंम...
भगवान् श्रीरामचन्द्रजी को दया का सागर कहें, तब भी ...
जबतक तुम यह सोचते रहोगे कि अमुक परिस्थिति आनेपर भग...
जिस समय अपने दोष का दर्षन हो जाय,समझ लो,तुम जैसा व...
जो भजन,ध्यान आदि साधन करके मुक्ति पाते हैं वे परिश...
बच्चे का माँसे जितना प्रेम होता है,उससे भी बहुत अध...
हे नाथ! यदि तुम स्वयं ही न आ जाओ तो मैं तुम्हें कह...
जो भजन,ध्यान आदि साधन करके मुक्ति पाते हैं वे परिश...
"भविष्य जानने की कोशिश मत करो। भविष्य परमात्मा के ...
ऐ पागल इन्सान ! ऐ माया के खिलौने ! सदियों से माया ...
जैसे कूड़े-कचरे के स्थान पर बैठोगे तो लोग और कूड़ा...
जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, जिस...
बुराई को बुराई से नहीं बल्कि अच्छाई द्वारा, हिंसा ...
गुरू
यदि मेरा मन व्याकुल है, हमेशा क्रोध, बैर, दुर्भावन...
Priti ki meri ab tum hi badana , tum hi prabhu ho ...
मेरे गुरूजी
परमात्मा
'नाम के समान न ज्ञान है, न व्रत है, न ध्यान है, न ...
संसार में हर वस्तु का मूल्य चुकाना होता हे ! बिना ...
कहाँ है वह तलवार जो मुझे मार सके ? कहाँ है वह शस्त...
zindgi se jo lamha mile use chura lo, zindagi pyar...
dil ek mandir
जीवन में आप जो कुछ करते हो उसका प्रभाव आपके अंतःकर...
Karni hai khuda se ek guzarish ke Teri Dosti ke si...
Takdir ne khel se nirash nahi hote zindgi me kabhi...
Realisation of God
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