Wednesday, March 21, 2012

भगवान ने आपको संसार में दुःखी होने के लिए नहीं भेजा है, चिंता और तनाव में रहने के लिए नहीं भेजा है । चिंता की जगह भगवान के नाम का चिंतन करें, भगवान के नाम का आश्रय लें, भगवान का ध्यान करें, गुरु-ज्ञान की कुंजियाँ लेकर सुख-दुःख के सिर पर पैर रखकर अपने आनंदस्वभाव में स्थित हो जायें । वर्तमान में प्रसन्न रहें, अपने मन को कभी मलिन न होने दें । मंत्रों में सुषुप्त शक्तियों को जागृत करने की विलक्षण क्षमता होती है । यंत्र से भी मंत्र अधिक प्रभावशाली होता है ।

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