Tuesday, April 3, 2012

परमात्मा का प्यारा

जिस मनुष्य को परमात्मा सदैव याद है और जिसका उस प्यारे से प्रेम है, वह कदापि उसके नियम को तोड़ नहीं सकता, अपितु उसके नियम अनुसार व्यव्हार करके शरीर, मन और आत्मा की उन्नति करता है|

वह सर्वदा सत्य पर स्थित रहता है| बुरे संग से दूर भागकर, श्रेष्ठ का संग करता है| ख़राब विचारों को अन्तःकरण से निकाल कर, सच्चाई धारण करता है| शरीर की उन्नति के लिए स्वास्थ्य के नियमों से परिचित होकर, उसके अनुसार चलता है|

*** धन का गर्व, कुटुंब का गर्व, इनका तुम जो गर्व कर रहे हो, वे तुम्हें तुम्हारे होते हुए छोड़ जाएँगे अथवा तुम उन्हें छोड़ जाओगे|

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