Tuesday, April 13, 2010

अपने अन्दर से कभी कम होने मत देना प्रेम के भाव भाव को,शांति के स्वभाव को,ईश के प्रभाव को,श्रद्धा के सद्भाव को! बहुत जरुरी है परिवार के लिए शांति , समाज के लिए क्रांति , जीवन के लिए उन्नति, सफलता के लिए सम्मति!

"भविष्य जानने की कोशिश मत करो। भविष्य परमात्मा के हाथ में है, वर्तमान आप के हाथ में है। भूतकाल बीत गया, उस की कोई कीमत नहीं । वर्तमान को अच्छा बना रहे है तो भविष्य की नींव डाल रहे हैं ।"

शान्ति के समान कोई तप नहीं हे !संतोष से बढ्कर कोई सुख नहीं हे !तृष्णा से बढकर कोई व्याधि नहीं हे ! दया के समान कोई धर्म नहीं हे !सत्य जीवन हे और असत्य मृत्यु हे !घृणा करनी हे तो अपने दोषों से करो !लोभ करना हे तो प्रभू के स्मरण का करो !बैर करना हे तो अपने दुराचारों से करो !दूर रहना हे तो बुरे संग से रहो ! मोह करना हो तो परमात्मा से करो !

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