Wednesday, April 7, 2010

जैसे कूड़े-कचरे के स्थान पर बैठोगे तो लोग और कूड़ा-कचरा आपके ऊपर डालेंगे । फूलों के ढेर के पास बैठोगे तो सुगन्ध पाओगे । ऐसे ही देहाध्यास, अहंकार के कूड़े कचरे पर बैठोगे तो मान-अपमान, निन्दा स्तुति, सुख-दुःख आदि द्वन्द्व आप पर प्रभाव डालते रहेंगे और भगवच्चिन्तन, भगवत्स्मरण, ब्रह्मभाव के विचारों में रहोगे तो शांति, अनुपम लाभ और दिव्य आनन्द पाओगे ।

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