Sunday, March 21, 2010
हे गुरुदेव ! ईश्वर ने तो हमें संसार में भेजा है काम-क्रोध के साथ परन्तुआपने हमें निष्कामी बनाया एवं क्रोध से छुड़ाया। ईश्वर ने तो हमें कर्मों के बन्धन में डाला परन्तु हे गुरुदेव ! आपने उन कर्म बन्धनों को काट डाला। प्रकृति ने हमारे बन्धन बनाये और हे गुरुदेव ! आपने हमारे लिए मोक्ष बनाया।संसार ने तो हमें चिन्ताएँ दीं प...रन्तु आपने हमें आनन्द दिया। नाते रिश्तेदारों ने हमारे लिए जवाबदारियाँ बनाईं परन्तु आपने हमें सभी जवाबदारियों से पार करके शुद्ध स्वरूप में स्थिति करा दी।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment