Monday, March 29, 2010

जन्म मरण का कारण भगवान नहीं है। जन्म-मरण का कारण पत्नी, पुत्र, परिवार, मित्र या कोई व्यक्ति नहीं है। जन्म-मरण का कारण राग है। इसलिए हे नाथ ! अपने आप पर कृपा करो। रागरहित होने का यत्न करो।

No comments:

Post a Comment