Sunday, March 28, 2010

सारांश यह है की गुरु कृपा के भाग्यशाली क्षण से सांसारिक जीवन को पार करने की पहेली हल हो जाती है ; मोक्ष प्राप्ति का द्वार स्वतः ही खुल जाता है और सभी दुःख और कष्ट सुख में बदल जाते हैं. जब सद्द गुरु का नित्य स्मरण किया जाता है तो विघन के कारन आने वाली रुकावटें अनायास ही नष्ट हो जातीं हैं ; मृत्यु स्वयं मर जाती है और सांसारिक दुखों का विस्मरण हो जाता है

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