कभी रात को नींद खुल गई और घर के सब लोग सोये हो तो अकेले में शांत बैठना..
अपने को कोसना नही की सब लोग सोये और मेरी नींद खुल गई. .नही नही!..
‘हे प्रभु मुझे जगाना चाहते है मोह के नींद से..
इसलिए तुम ने ये बाहर की नींद थोडी देर के लिए नही दी..
वाह प्रभु..वाह गुरुदेव..मुझे अपनी भक्ति देना ..
मैं आप की राह पर चल सकू ऐसी मुझे शक्ति देना..
मैं आप से कभी विमुख ना हो जाऊ..
मैं आप की बतायी राह कभी छोड़ ना दू..
’ ऐसी ह्रदय पूर्वक प्रार्थना की जाती है तो भगवान वो ह्रदय का प्रेम देखते है..
Friday, March 26, 2010
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