Sunday, March 21, 2010

मेरा मकान ठीक हो जाए….मेरी नोकरी ठीक हो जाए…मेरा कर्जा ठीक हो जाए..मेरा दूकान ठीक हो जाए..मेरा बेटा ठीक हो जाए…ये ठीक हो जाए,वो ठीक हो जायेवालो ये भी समझ लो की रावण की लंका, हिरण्यकश्यपू का हिरण्यपुर ठीक नहीं रहा… तो ये पक्का समझ लो की ठीक करना ही सबकुछ नहीं …जो कभी बे-ठीक नहीं होता उस आत्मा में टिकना, उस को आत्म-स्वरुप मानना…तो सब कुछ अपने आप ही ठीक हो जाता है…

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