जब कोई अच्छा संग मिल जाय,अच्छी बात मिल जाय,अच्छा भाव पैदा हो जाय,अचानक भगवान् याद आ जाय,तब समझना चाहिये कि यह भगवान् की विशेष कृपा हुई है,भगवान् ने मेरे को विशेषता से याद किया है।इस प्रकार भगवान् की कृपा की तरफ देखे,उनका ही भरोषा रखे तो उनकी कृपा बहुत विशेषता से प्रकट होगी।
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